शनिवार, 22 फ़रवरी 2014

हरियाली का सेहत और खुशी से गहरा रिश्ता



एक ताजा अध्ययन में यह बात सामने आई है कि शहर के रिहायशी इलाकों में हरे-भरे पार्कों और हरियाली की मौजूदगी अच्छी सेहत और खुशी के लिए बेहद सकारात्मक होती है।
ब्रितानी शोधकर्ताओंने पाया कि हरे-भरे वातावारण में रहने का काफी सकारात्मक असर होता है, इसके विपरीत वेतन में बढ़ोत्तरी और तरक्की से अल्पकालीन लाभ होते हैं। शोध करने वालों के मुताबिक शहरी क्षेत्रों में अच्छी गुणवत्ता वाले पार्को की मौजूदगी सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए उपयोगी होती है। शोध के निष्कर्ष जर्नल इन्वायरमेंट साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं।
हरियाली और खुशी ब्रिटेन की एक्सटर यूनिवर्सिटी में यूरोपियन सेंटर फॉर साइंस एण्ड इन्वायरमेंट एण्ड ह्युमन हेल्थ से जुड़े शोध के सह- लेखक डॉ. मैथ्यू ह्वाइट कहते हैं, शहरों में हरियाली वाली जगहों पर रहने वाले लोगों में अवसाद और चिंता के लक्षण काफी कम देखे गए। मैथ्यू कहते हैं, लोगों के खुश होने के अनेक कारण हो सकते हैं, लोग खुद को खुश रखने के लिए ढेर सारी चीजें करते हैं, जैसे नौकरी में तरक्की का प्रयास, वेतन में बढ़ोत्तरी और यहां तक कि लोग शादी भी करते हैं।
लेकिन इन सारी चीजों के साथ परेशानी यही है कि एक साल से छह महीने के भीतर लोग पहले वाली स्थिति की आधारभूत रेखा के समीप पहुंच जाते हैं।
यह चीजें बहुत ज्यादा टिकाऊ नहीं हैं और हमें बहुत लंबे समय की प्रसन्नता नहीं देतीं। डॉ. ह्वाइट कहते हैं, हमने शोध के दौरान पाया कि पांच लाख यूरो की लॉटरी विजेताओं को खुशी तो मिली लेकिन छह महीने से साल भर के भीतर वे पहले वाली आधार-रेखा पर वापस पहुंच गए। इस शोध के लिए टीम ने ब्रिटिश हाउसहोल्ड पैनल सर्वे से मिले आंकड़ों का इस्तेमाल किया।
सकारात्मक असर हरा-भरा पार्क सेहत और खुशी के लिए सकारात्मक माना जाता है। डॉ. मैथ्यू कहते हैं, तीन सालों के बाद भी हरे-भरे इलाकों में रहने वालों का मानसिक स्वास्थ्य बेहतर पाया गया। इसके विपरीत हम खुद को खुश रखने के लिए ढेर सारी चीजें तो करते ही हैं लेकिन हरियाली से दूर होते जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि शोध को आगे बढ़ाने के लिए हमने वित्तीय सहायता के लिए आवेदन किया है ताकि हम विभिन्न क्षेत्रों में तलाक की दर और संतुष्टि के अंतर का भी पता लगा सकें।
उनके मुताबिक हमारे पास इस बात से साक्ष्य हैं कि एक ही क्षेत्र में हरियाली वाली जगहों पर रहने वाले लोगों में तनाव का स्तर काफी कम देखा गया। अगर तनाव का स्तर कम होता है तो आप ज्य़ादा विवेकपूर्ण फैसले लेते हैं और बेहतर तरीके से अपनी बात कह पाते हैं। मैं यह नहीं कहने जा रहा हूं कि यह कोई जादुई गोली है जो शादी की सारी समस्याओं को सुलझ देती है। हकीकत में ऐसा नहीं है, लेकिन यह बेहतर फैसला लेने और अंतरंग बातचीत से संतुलन स्थापित करने में मददगार साबित होता है।
आर्थिक मदद शहरी क्षेत्रों में हरियाली से सेहत पर पड़ने वाले सकारात्मक असर के साक्ष्यों के कारण नीति बनाने वालों की इस मामले में दिलचस्पी बढ़ी है। वह कहते हैं, लेकिन परेशानी तो यही है कि इस शोध को आर्थिक मदद कौन देगा?वे सवाल उठाते हैं, अगर पर्यावरण से जुड़े अधिकारी कहते हैं कि शोध लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ा है तो स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाने वाले संस्थान को निश्चित तौर पर मदद नहीं मुहैया करवानी चाहिए? डॉ. मैथ्यू कहते हैं, शोध में लोगों की दिलचस्पी बढ़ रही है। लेकिन हमें पॉलिसी के स्तर पर तय करना चाहिए कि इसके लिए धन कहां से आएगा ताकि लोगों के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले हरी जगहों को बढ़ाया जा सके। लेकिन एक बात तो इस शोध ने तय कर दी है कि हमें फिर जंगलों की ओर बढ़ना चाहिए।
यदि आपके पास Hindi में कोई article, inspirational story या जानकारी है जो आप हमारे साथ share करनाचाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी Id है:facingverity@gmail.com.पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!
Source – KalpatruExpress News Papper

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें