गुरुवार, 13 फ़रवरी 2014

क्या बनना चाहेंगे आप कैरट्स , एग्स या कॉफ़ी बीन्स


What would you like to be ?
कुछ दिनों से उदास रह रही अपनी बेटी को देखकर माँ ने पूछा , ” क्या हुआ बेटा , मैं देख रही हूँ तुम बहुत उदास रहने लगी हो सब ठीक तो है न ?”
कुछ भी ठीक नहीं है माँ ऑफिस में बॉस की फटकार , दोस्तों की बेमतलब की नाराजगी ….पैसो की दिक्कत मेरा मन बिल्कुल अशांत रहेने लगा है माँ , जी में तो आता है कि ये सब छोड़ कर कहीं चली जाऊं ….” , बेटी ने रुआंसे होते हुए कहा .
माँ ये सब सुनकर गंभीर हो गयीं और बेटी का सिर सहलाते हुए किचन में ले गयीं .
वहां उन्होंने तीन पैन उठाये और उनमे पानी भर दिया .उसके बाद उन्होंने पहले पैन में कैरट , दूसरे में एग्स और तीसरे में कुछ कॉफ़ी बीन्स डाल दी .
फिर उन्होंने तीनो पैन्स को चूल्हे पे चढ़ा दिया और बिना कुछ बोले उनके खौलने का इंतज़ार करने लगीं .
लगभग बीस मिनट बाद उन्होंने गैस बंद कर दी, और फिर एक एक कर के कैरट्स और एग्स अलग-अलग प्लेट्स में निकाल दिए और अंत में एक मग में कॉफ़ी उड़ेल दी .
बताओ तुमने क्या देखा “, माँ ने बेटी से पूछा .
कैरट्स , एग्स , कॉफ़ी और क्या ??…लेकिन ये सब करने का क्या मतलब है .”, जवाब आया .
माँ बोलीं ,” मेरे करीब आओ और इन कैरट्स को छू कर देखो !
बेटी ने छू कर देखा , कैरट नर्म हो चुके थे .
अब एग्स को देखो ..
बेटी ने एक एग हाथ में लिया और देखने लगी एग बाहर से तो पहले जैसा ही था पर अन्दर से सख्त हो चुका-था .
और अंत में माँ ने कॉफ़ी वाला मग उठा कर देखने को कहा ….
” …
इसमे क्या देखना हैये तो कॉफ़ी बन चुका है लेकिन ये सब करने का मतलब क्या है ….???’ , बेटी ने कुछ झुंझलाते हुए पूछा .
माँ बोलीं , ” इन तीनो चीजों को एक ही तकलीफ से होकर गुजरना पड़ा खौलता पानी . लेकिन हर एक ने अलग अलग तरीके से रियेक्ट किया .
कैरट पहले तो ठोस था पर खुलते पानी रुपी मुसीबत आने पर कमजोर और नरम पड़ गया , वहीँ एग पहले ऊपर से सख्त और अन्दर से सॉफ्ट था पर मुसीबत आने के बाद उसे झेल तो गया पर वह अन्दर से बदल गया, कठोर हो गया,सख्त दिल बन गया ….लेकिन कॉफ़ी बीन्स तो बिल्कुल अलग थीं उनके सामने जो दिक्कत आयी उसका सामना किया और मूल रूप खोये बिना खौलते पानी रुपी मुसीबत को कॉफ़ी की सुगंध में बदल दिया
तुम इनमे से कौन हो ?” माँ ने बेटी से पूछा .
जब तुम्हारी ज़िन्दगी में कोई दिक्कत आती है तो तुम किस तरह रियेक्ट करती हो ? तुम क्या हो कैरट , एग या कॉफ़ी बीन्स ?”
बेटी माँ की बात समझ चुकी थी , और उसने माँ से वादा किया कि वो अब उदास नहीं होगी और विपरीत परिस्थितियों का सामना अच्छे से करेगी .
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Note: The inspirational story shared here is not my original creation, I have read /heard it before  and I am just providing a modified Hindi version of the same.

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