मंगलवार, 18 फ़रवरी 2014

समय से पूर्व जन्मे बच्चों में दमे का खतरा ज्यादा




लंदन। एक नए अध्ययन से पता चला है कि समय से पूर्व जन्मे बच्चों को बचपन में दमा होने की आशंका ज्यादा होती है। यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग ने एक विज्ञप्ति में बताया कि दुनियाभर में 15 लाख से अधिक बच्चों के अध्ययन में पाया गया कि समय से पूर्व जन्मे बच्चों को दमा और दमा जैसे लक्षण वाला रोग होने का खतरा अधिक होता है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि विद्याभ्यास से पूर्व के शिशुओं और स्कूल जाने वाले बच्चों में दमा विकसित होने के लक्षण समान हैं।
शोधकर्ताओं के मुताबिकयह समझना महत्त्वपूर्ण है कि समय से पूर्व जन्मे बच्चों में दमे का खतरा क्यों होता हैक्योंकि बचपन में होने वाले दमा को जल्द ठीक किया जा सकता है। मास्ट्रिच्ट और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के सहयोग से अध्ययन का नेतृत्व करने वाले यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग के सेंटर फॉर पॉपुलेशन हेल्थ साइंसेज के जैसपर बीन ने बताया कि चिकित्सकों और माता-पिता को समय से पूर्व जन्मे बच्चों में दमा के बढ़ते खतरों के प्रति जागरूक होने की जरूरत हैताकि शीघ्र उपचार और बचाव संभव हो सके।
उन्होंने कहाहमें उम्मीद है कि समय से पूर्व जन्मे बच्चों पर नजर रखकर और इलाज के तरीके में बदलाव लाकर हम भविष्य में होने वाली दमा सहित सांस की गंभीर बीमारियों के खतरों को कम कर सकते हैं। हमारे परिणाम समय से पूर्व जन्मे बच्चों में दमा और दमे जैसी अन्य बीमारियों से बचाव करने और उनके उपचार में मदद करेंगे। सामान्य तौर पर जन्म अवधि 40 हफ्ते की होती है और इससे तीन हफ्ते पहले जन्मे बच्चों में दमा होने की आशंका 50 प्रतिशत ज्यादा होती है। जो बच्चे समय से दो महीने पहले जन्म लेते हैंउनमें समय से जन्मे बच्चों की अपेक्षा दमा होने का खतरा तीन गुना ज्यादा होता है। इस महत्वपूर्ण अध्ययन के परिणाम प्लोस मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित हुए हैं।

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Source – KalpatruExpress News Papper





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