सोमवार, 17 मार्च 2014

बलदेव जी का इतिहास



मथुरा से 24 किमी. की दूरी पर जमुना पार सादाबाद जाने वाली पक्के मार्ग पर स्थित है, महिमामय नगर दाऊजी जिसको बलदेव, बलदाऊजी बलभद्र नगर आदि नामों से जाना जाता है। पूर्व में यह नगर महावन तहसील से सम्बद्ध था । फिर सादाबाद तहसील में जुड़ा रहा। अब तहसील सादाबाद का नया जनपद हाथरस में मिल जाने से विकास क्षेत्र बदलेव को तहसील महावन से सम्बद्ध कर दिया गया है। मान्यता है कि त्रेता युग में राम ने 13 वर्ष तक राज्य किया था। उनके अनुज शत्रुघ्न ने मधुवन में मधु के पुत्र लवण दैत्य का संहार कर मथुरा को बसाया था । उनका राज्य यमुना के किनारे सम्पूर्ण क्षेत्र में व्याप्त था। द्वापर युग के अन्तिम काल में मथुरा मण्डल के बृहदवन में विद्रुम वन के नाम से विख्यात पूर्वी छोर पर वसुदेव पत्‍नी रोहिणी जी निवास करती थीं ।
ब्रज का वास्वतिक परिचय देने वाले गोपालतापिनी उपनिषद ने इसका उल्लेख बलभद्र वन के नाम से किया है तथा इसको ब्रज के समस्त वनों से श्रेष्ठ माना है। इसी स्थान पर संकर्षण भगवान श्री दाऊजी महाराज का अवतरण भाद्र शुक्ल षष्ठी को हुआ था ।
बलदेव, कृष्ण से कुछ माह बड़े थे । दाऊजी महाराज का नगाड़खाना दूर- दूर तक बहुत प्रसिद्ध है। इसका निर्माण मुगलों ने कराया था। समय-समय पर बम्ब की ध्वनि चारों ओर सुनाई देती है। प्रसिद्ध इतिहासकार ग्राउस ने अपनी मथुरा मैमोयर में इस मन्दिर की चार हजार से अधिक भेंट की निखर्ची व ग्रामों से चार हजार वार्षिक की आय बतलाई है। कहते हैं कि मुगल बादशाह औरंगजेब की मूर्ति भंजिनी सेना को श्री दाऊजी महाराज के मन्दिर में बर्र ततैया तथा भौरों ने काट-काटकर हालत बुरी कर दी थी। ऐसा माना जाता है किऔरगंजेब पूरी तैयारी के साथ आने का जब भी प्रय} करता मन्दिर अढ़ाई कोस रह जाता था, तभी से ब्रज में यह कहावत प्रचलित हुई सब दिन चले अढ़ाई कोस । श्री सत्यनारायण गोयका ने री बलभद्र पंचांग में लिखा है कि औरंगजेब जैसे हिन्दू धर्मद्वेषी बादशाह को भी भगवान बलदेव ने चमतकृत किया था जिससे प्रभावित औरंगजेब ने पांच गांव व स्वर्ण छत्र भेंट किये थे।

यदि आपके पास Hindi में कोई article, inspirational story या जानकारी है जो आप हमारे साथ share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी Id है:facingverity@gmail.com.पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!
Source – KalpatruExpress News Papper

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें