सोमवार, 16 जून 2014

तारपीन तेल में सूरज को घोला मैंने



 वान गॉग के अन्य तमाम चित्रों की बजाय मुङो गेहूं के खेतश्रंखला के चित्र ज्यादा आकर्षित 
करते हैं। सम्भव है, इस आकर्षण के पीछे एक भारतीय किसान मन काम करता हो। वान ने इस 
श्रृंखला के अधिकांश चित्र अपने जीवन के अंतिम दिनों में अली और सेंट रेमी में बनाए थे, जब 
वह जीवन में सबसे ज्यादा अकेला और टूटा हुआ (जिन्हें वह कला के लिए सर्वाधिक जरूरी चीज 
मानता था), फिर भी कहीं अधिक रचनात्मक और जीवन-मूल से गहराई से जुड़ा हुआ था।
यह वही समय है, जब वह महीनों तक सेंट रेमी के मानसिक अस्पताल में पड़ा रहा और 
आश्चर्यचकित कर देने वाली आध्यात्मिक गहराई उसके चित्रों व पत्रों में मौजूद है। यह सब उसके 
चित्रों में पाए जाने वाले गाढ़े विरोधी रंगों की तरह है, जो उसके चित्रों को गहराई देता है और 
उसके जीवन को लीजेंड्री बना देता है, जिस पर बेस्ट सेलरउपन्यास लिखा जाता है और प्रसिद्ध 
फिल्में बनती हैं।
चित्रों में गेहूं के खेत धीरे-धीरे उठते हुए पठार पर क्षितिज तक फैले होते हैं। इस भू-दूश्य में खेतों 
के बगल सुदूर तक जाती एक पहाड़ी दिखेगी।
चित्रों को लिखे पत्रों में बार-बार गेहूं के खेतों का जिक्र करता है- गेहूं के खेत, मुङो अपने आप में 
ही फ्रेम में जड़े चित्र लगते हैं।उसने बोआई से कटाई तक की विविध अवस्थाओं के चित्र बनाए हैं। अधिकतक चित्र दिन के विम्ब लिए हैं। यहां गाढ़े पीले रंग में रचा सूरज हॉलो की तरह लगता है, एक दैवीय 
प्रभामंडल जिसके आलोक में समूचा जीवन चलित है। इसके सामने फैला जीवन बेहद अस्थिर 
और गतिशील दिखता है: हवा में अशांत समुद्र की तरह लहराते खेत, झुकी हुई बालियों के ऊपर 
से पंख पसारे उड़ती हवा, वान इसे ब्रश के डॉटेड और लहरदार प्रयोग से रचने में सक्षम होते हैं।
वान गॉग द्वारा रचित गेहूं के खेतों को कुछ समीक्षक मानव के जीवन- चक्र की तरह पढ़ते हैं। 
इस समझ के पीछे धर्म प्रचार से जु़ड़ा वान का जीवन आधार उपलब्ध कराता है। यह विडम्बना 
ही है कि जिसे धर्म शिक्षा के काम से निकाला गया था, आज दुनिया उसे 19वीं शताब्दी के सबसे 
गहरे आध्यात्मिक पुरुषों में समझती है। वैसे किसी भी समय में असामान्य प्रतिभा के साथ ऐसा 
ही होता है। दुनिया हमेशा से अनन्य सामान्यों के हाथ में होती है।
वान अपनी बहन को लिखे एक पत्र में कहता है- ईश्वर को जानने का सबसे अच्छा तरीका यही 
है कि आप दुनिया की सारी चीजों को प्यार करें- दोस्तों से प्यार करें, पत्‍नी से प्यार करें, इसी 
तरह और भी चीजों से जिन्हें आप चाहते हैं।
सद्भावना, प्रतिभा और पूरी शिद्दत से उन्हें अपना जानना ईश्वर को जाना है।अपने अंतिम समय 
में वह इस बात को गहराई से महसूस करता है कि अमूर्त चिंतन की अपनी सीमाए हैं। इन्हीं 
पत्रों 
में वह लिखता है- एक आदमी जिसे यह लगता है कि वह किसी चीज के बारे में ठीक से नहीं 
सोच सकता, ऐसे समय उन खेतों को देखना, जिनके ऊपर हमारा जीवन पलता है, महत्त्वपूर्ण है।
अगर आप ध्यान से देखें तो इन चित्रों में विवरण बहुत कम मिलेगा।
यहां लोकेल को ग्लोरीफाई करने का कोई प्रयास नहीं है। ये चित्र अपने उद्देश्य में न तो मनोरंजन
 के लिए, न सजाने के लिए हैं और न ही कोई मनोवैज्ञानिक विवरण प्रस्तुत करते हैं, तो फिर
इस सबके बजाय और गहरे जीवन, प्रकृति व आध्यात्मिक अभिप्रायों को अभिव्यक्त करने का 
प्रयास करते हैं।
यह सब उसके चित्रों में पाए जाने वाले गाढ़े विरोधी रंगों की तरह है, जो उसके 
चित्रों को गहराई देता है और उसके जीवन को लीजेंड्री बना देता है, जिस पर बेस्ट
 सेलरउपन्यास लिखा जाता है और प्रसिद्ध फिल्में बनती हैं।
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Source – KalpatruExpress News Papper







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