खगोल विज्ञान
या एस्ट्रोनॉमी के तहत ब्रrांड मे घूम रहे खगोलीय तत्वों का अध्ययन किया जाता
है। खगोल विज्ञान भौतिकी
का ही अंग माना जाता है।
भारत में खगोल
विज्ञान संबंधी शुरुआती जानकारी ऋग्वेद में मिलती है। इससे साफ होता है कि
इस
क्षेत्र का काफी पुराना इतिहास है।
प्रोफेशनल रूप
से देखें तो एस्ट्रोनॉमी दो भागों में बंटी हुई है। पहला ऑब्जर्वेशनल
एस्ट्रोनॉमी और
दूसरा थ्योरिटिकल एस्ट्रोफिजिक्स। इसके कई अंग हैं जैसे
एस्ट्रोफिजिक्स, एस्ट्रोमीटिरोलॉजी,
एस्ट्रोबायोलॉजी, एस्ट्रोजिओलॉजी, एस्ट्रोमेट्री, कॉस्मोलॉजी आदि। एस्ट्रोनॉमी में करियर
बनाने के लिए
फिजिक्स और कम्प्यूटर में रुचि प्राथमिकता है। एस्ट्रोनॉमी के
क्षेत्र में शुरुआत करने वाला व्यक्ति
रिसर्चर के रूप में अपनी यात्रा शुरू कर
सकता है। इसके तहत सीनियर वैज्ञानिकों के साथ काम
करके काफी अनुभव अर्जित किया
जा सकता है। रिसर्चर के रूप में इंडियन स्पेस रिसर्च
ऑर्गनाइजेशन(इसरो), विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर(वीएसएससी), स्पेस फिजिक्स लेबोरेट्रीज जैसे
संस्थानों
में प्रवेश करना काफी फायदेमंद हो सकता है। रिसर्च वर्क और डॉक्टोरल डिग्री के
बाद इस
क्षेत्र में काफी अच्छी तनख्वाह मिलती है।
इन जगहों पर
होती है एस्ट्रोनॉमी की पढ़ाई-
1- कोचिन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, कोच्चि
2- इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी
एंड एस्ट्रोफिजिक्स, पुणो
3- आर्यभट्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ
ऑब्जर्वेशनल साइंसेज, नैनीताल
4- हरीश चन्द्र रिसर्च इंस्टीट्यूट, इलाहाबाद
5- फिजिकल रिसर्च लेबोरेट्री, अहमदाबाद
6- टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, मुम्बई
7- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बैंगलुरू
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Source – KalpatruExpress News Papper
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सोमवार, 2 जून 2014
ग्रहों-सितारों की दुनिया में बनाएं करियर
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