मंगलवार, 10 जून 2014

स्वास्थ्य का आधार मोतियों जैसे चमकते दांत



बच्चों के मुंह की साफ-सफाई अत्यधिक महत्त्वपूर्ण होती है विशेषकर तब जब वे इतने बड़े हो जाएं कि खुद ब्रश करने लगें। एक अमरीकी अध्ययन के अनुसार दांतों की सड़न 6 से 11 वर्ष की आयु के बच्चों तथा 12 से 19 वर्ष के किशोरों के मध्य एक आम बीमारी है। इसलिए अपने बच्चे के दांतों को नजरअंदाज न करें और उसके मुंह की देखभाल को सुनिश्चित बनाने हेतु इन उपायों का इस्तेमाल करें..
ब्रश करना जल्दी सिखाएं-
 शुरू में ही ब्रश करना सिखाना बहुत महत्त्वपूर्ण है। अधिकांश अभिभावकों का मानना है कि उन्हें बच्चों के दांतों में ब्रश करने की जरूरत नहीं है परन्तु अध्ययनों से पता चला है कि तब भी ब्रश करना जरूरी है जब आपके बच्चे के दांत अभी बढ़ ही रहे हों। वास्तव में अपने बच्चे के दांत आने से पहले ही एक बेबी टूथब्रश के साथ पानी से थोड़े हल्के ढंग से उसके मसूढ़ों को ब्रश करें। जैसे ही आपका बच्चा थोड़ा बड़ा हो जाए तो उसे ब्रश करने की सही तकनीक सिखाएं।
टूथपेस्ट से अवगत करवाएं-
 तीन वर्ष की उम्र के बाद आप अपने बच्चे के ब्रश करने के रूटीन में थोड़ा सा फ्लोराइड से भरपूर टूथपेस्ट शामिल करें। बच्चे को यह बताना महत्त्वपूर्ण है कि टूथपेस्ट को थूकना कैसे है। ब्रश करने के दौरान बच्चे को पानी का एक छोटा घूंट भरने तथा मुंह में पानी सरसराने को भी कहें। इससे उसे मुंह में से टूथपेस्ट थूकने हेतु प्रोत्साहन मिलेगा।
फ्लॉस करने की आदत विकसित करें-
 फ्लॉसिंग एक-दूसरे को छू रहे दांतों से शुरू होनी चाहिए। डेंटिस्ट से कहें कि वह सही फ्लॉसिंग की तकनीक तथा शेड्यूल इत्यादि के बारे में बच्चों को बताए। माउथवाश के प्रति भी सतर्क रहें क्योंकि माता िपता बच्चे को माउथवाश तभी करवाते हैं जब बच्चा इसे अच्छी तरह थूकना सीखता है।
सोने से पहले ब्रश जरूरी-
 यह जरूरी है कि आप अपने बच्चे को सोने से पहले ब्रश तथा फ्लॉस करने को कहें। ब्रश करने के बाद अपने बच्चे को सुबह तक कुछ भी खाने की आज्ञा न दें सिवाय पानी पीने के।
इससे उसके दांतों को अपने थूक से तथा टूथपेस्ट से मिनरल्स प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।
मिठाई पर अंकुश लगाएं-
 हालांकि बच्चों के खाने में से मीठे को खत्म करना असंभव हैं, फिर भी जब आपका बच्चा टॉफियों की मांग करे तभी उसे देने से परहेज करें। कुछ नियम बनाएं जैसे चॉकलेट सिर्फ सप्ताहांत पर ही मिलेगी। चिपकने वाले खाद्य पदार्थो से भी परहेज करें क्योंकि इनसे कैविटीज का खतरा रहता है।
दांतों का नियमित चेकअप करवाएं-
 जब आपका बच्चा थोड़ा बड़ा हो जाए तो नियमित चेकअप के लिए उसे डेंटिस्ट के पास ले जाएं। ब्रश करने को उसके लिए मस्ती जैसा बनाया जाना चाहिए।
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Source – KalpatruExpress News Papper









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