सोमवार, 9 जून 2014

हमारे मुद्दे, हमारी जरूरतें क्या-क्या है



वह वक्त गया, जब युवा सिर्फ सपने देखते थे, आज उनमें अपने आस-पास और देश में बदलाव लाने का जोश भी है और सपनों को सच करने का जज्बा भी। वे भले ही किसी विशेष राजनीतिक धारा से जुड़े हुए नहीं हों परंतु, चुनावी मौसम में हर दल उनसे अपेक्षा रखता है कि वे उन्हें वोट दें। चूंकि, बात भविष्य से जुड़ी है, इसलिये युवा देश में सार्थक और उन्नतिपूर्ण बदलाव लाने के ख्वाहिशमंद हैं और किसी आपराधिक या खराब छवि वाले नेता को वोट देकर अपने अधिकार का हनन नहीं करना चाहते। वे चाहते हैं कि उनका वोट देश हित में प्रयोग किया जाए। इसी क्रम में जब युवाओं से चुनाव को लेकर उनकी जरूरतों और उनके मुद्दों पर बात की गई तो कुछ ने बेरोजगारी को सबसे बड़ी मुश्किल बताया तो किसी को महिला सुरक्षा का मुद्दा सबसे अहम लगा। किसी को जातिगत आरक्षण नीति से परेशानी है तो कोई महंगाई से हलकान है। किसी को बढ़ते भ्रष्टाचार की चिंता है तो कोई शिक्षा का स्तर सुधारने की मांग कर रहा है। प्रस्तुत है विभिन्न राजनीतिक दलों से युवाओं की अपेक्षा पर फोकस अनुषा मिश्रा की रिपोर्ट:
भ्रष्टाचार दूर हो-
मेरे हिसाब से इस समय देश की सबसे बड़ी समस्या भ्रष्टाचार है। देश के विकास में भ्रष्टाचार एक रोड़ा है, जिसे दूर किए बिना देश को खुशहाल और समृद्ध बनाना नामुमकिन है। इसलिए मैं चाहती हूं कि इस बार ऐसा राजनीतिक दल देश में शासन करे जो देश से भ्रष्टाचार को दूर कर सके। मैं मानती हूं कि ऐसा मुश्किल है लेकिन, अगर कोशिश की जाए तो काफी हद तक भ्रष्टाचार को कम किया जा सकता है।
शाजमीन अली
बेरोजगारी दूर हो-
 इस वक्त युवाओं के सामने जो सबसे बड़ी समस्या है, वह है बेरोजगारी। जाने कितने ही युवा पढ़-लिखकर बेरोजगार घूम रहे हैं। हम चाहते हैं कि इस बार आने वाली सरकार युवाओं को रोजगार दे ताकि हम अपनी और अपने परिवार की जिम्मेदारी ठीक ढंग से उठा सकें क्योंकि युवाओं के लिए रोजगार अहम है।
भरत आर्या
आज भी कई सारे जिले और कस्बे ऐसे हैं, जहां शिक्षा का स्तर बहुत निमA है। विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए अपने शहर को छोड़ कर दूर जाना पड़ता है, जिसके कारण परिवार पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ भी बढ़ता है। अगर हर शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाया जाए और हर जिले में एक व्यावसायिक शिक्षण संस्थान भी खोल दिया जाए तो शिक्षार्थियों को बहुत फायदा हो सकता है।
तरुण श्रीवास्तव आरक्षण खत्म हो आरक्षण ज्यादातर युवाओं के अच्छे भविष्य में बाधा डालता है। आरक्षण के चलते कई बार अच्छे और होनहार युवा भी अपने सपनों को पूरा करने से पहले ही हार मान लेते हैं। इसलिए मैं यह चाहता हूं कि आरक्षण जातिगत न होकर परिवार की आर्थिक स्थिति के आधार पर तय किया जाए। जिस परिवार की आर्थिक स्थिति बुरी हो, उसे आरक्षण मिले, फिर चाहे वह किसी भी जाति या किसी भी धर्म का हो। साथ ही आरक्षण के नाम पर सीटों का कोटा खत्म करके सिर्फ स्कॉलरशिप देने की प्रक्रिया शुरू की जाए। इस बार जो भी पार्टी युवाओं के हितों को ध्यान रखेगी, मैं उसे ही जिताना चाहता हूं।
आकाश कुमार शिक्षा का स्तर सुधरे लड़कियों के लिए इस समय जिस चीज की सबसे ज्यादा जरूरत है, वह है सुरक्षा व्यवस्था का बेहतर होना। हालांकि, लड़कियां भी अपनी सुरक्षा के लिए कई मायनों में जिम्मेदार होती हैं और उन्हें चाहिए कि वे अपनी सुरक्षा खुद करने के लिए आगे बढ़ें लेकिन, यह सरकार की भी जिम्मेदारी है कि वह भी सुरक्षा व्यवस्था में सुधार लाए, जिससे लड़कियां हर जगह सुरक्षित महसूस कर सकें।
पूजा जैन सुरक्षा व्यवस्था बेहतर हो इस समय देश का हर नागरिक बढ़ती महंगाई से परेशान है, जिसे दूर करना आने वाली सरकार के लिए बहुत जरूरी है।
पेट्रोल से लेकर सब्जी तक हर चीज के दाम आसमान छूते जा रहे हैं।
बढ़ती महंगाई में अपनी जरूरत की चीजें लेना भी मुश्किल लगने लगा है। इसलिए सरकार की यह जिम्मेदारी है कि वह महंगाई पर लगाम लगाए। इसके बिना देश की तरक्की संभव नहीं है।
साकिब रजा महंगाई कम हो

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Source – KalpatruExpress News Papper



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