मंगलवार, 10 जून 2014

नेगेटिव कैलोरी फूड से होगा वजन कम



वेट रिडक्शन गाइडलाइन में नेगेटिव कैलोरी फूड उन खाद्य पदार्थों को कहा गया है, जिन्हें पचाने में खर्च होने वाली ऊर्जा उनसे मिलने वाली ऊर्जा से बहुत कम होती है। इस वजह से इन्हें खाने से कैलोरी नहीं मिलती, बल्कि खर्च होती है।
ज्यादा खाने वाले लोगों के लिए नेगेटिव कैलोरी फूड वरदान है।
ऐसे काम करता है नेगेटिव कैलोरी फूड-
 चिकित्सकों की मानें तो यह नेगेटिव कैलोरी फूड थर्मिक इफेक्ट पर काम करते हैं। जो भी खाना हम खाते हैं, उसे चबाने और पचाने में ऊर्जा खर्च होती है। खाने की कुछ चीजें बहुत कम कैलोरी वाली होती हैं। ऐसे में इन्हें पचाने के लिए शरीर में पहले से मौजूद ग्लूकोज और वसा खर्च करनी पड़ती है। ककड़ी के एक टुकड़े में सिर्फ एक कैलोरी होती है, इसे पचाने में इससे ज्यादा ऊर्जा खर्च होती है।
क्या खाएं-
 चिवड़ा, मुरमुरे, बाजरा, सिंघाड़े का आटा, दालें, फल, सब्जियां, शहद, इडली, डोसा, चना व बेसन से बनीं चीजें।
आइस वाटर-
 और हॉट वाटर बढ़िया विकल्प कई शोधों में यह साबित हुआ है कि आइस वाटर और हॉट वाटर सुपर नेगेटिव कैलोरी फूड हैं, जिससे शरीर को ऊर्जा नहीं मिलती। ठंडा या गर्म पानी पीने पर शरीर इसे सामान्य तापमान पर लाने के लिए अपनी ऊर्जा खर्च करता है, जिससे मेटाबॉलिक रेट बढ़ती है और आपका वजन कम होने लगता है।
कई नुकसान भी-
 कई लोगों को लगता है कि सिर्फ नेगेटिव कैलोरी फूड डाइट में शामिल करने से वे फिट हो जाएंगे क्योंकि इसका कोई नुकसान नहीं है। हालांकि वजन कम करने के लिए सिर्फ खीरा-ककड़ी खाएंगे तो शरीर को दूसरे पोषक तत्व नहीं मिलेंगे। जिससे शरीर कमजोर होकर बीमार हो जाएगा, इसलिए इन्हें स्नैक्स की जगह खाना चाहिए।
क्या-क्या शामिल
जिन खाद्य पदार्थो में पानी और फाइबर की मात्रा अधिक और फैट कम हो, वे इस सूची में आते हैं। इनमें ज्यादातर फल और सब्जियां शामिल हैं। पत्तागोभी, ब्रोकली, हरी सब्जियां, प्याज, फूलगोभी, ककड़ी, सेमफली, मूली, पालक, गाजर और तुरई। फलों में सेब, संतरा, मौसमी, टमाटर, पपीता, खरबूजा, संतरा, नींबू, अनानास, स्ट्रॉबेरी और तरबूज नेगेटिव कैलोरी फूड हैं।
कसरत भी जरूरी-
 केवल नेगेटिव कैलोरी डाइट के भरोसे शरीर को स्लिम नहीं किया जा सकता है। इसके साथ रोजाना 20 से 30 मिनट की कसरत को दिनचर्या में शामिल करना जरूरी है। ज्यादा वसा वाली चीजें जैसे पिज्जा, बर्गर, चिप्स आदि से भी दूरी बनाए रखें। अगर आपकी शारीरिक गतिविधियां कम हैं तो काबरेहाइड्रेट युक्त सब्जियां जैसे जमीकंद, आलू कम मात्रा में लें क्योंकि इनसे आपका वजन बढ़ने का खतरा ज्यादा होता है।

कहीं आपको गेहूं से एलर्जी तो नहीं
बहुत से लोग गेहूं नहीं खा सकते, ये लोग सेलिएक नामक रोग से पीड़ित होते हैं। जिसमें उन्हें गेहूं, जौ, पास्ता, पिज्जा और ओट्स में मौजूद ग्लूटेन नामक प्रोटीन से एलर्जी होती है। इस रोग के मामले ज्यादातर बच्चों में सामने आते हैं। पेट फूलना, बच्चे का विकास रुक जाना, एनीमिया, ऑस्टियोपोरोसिस व शरीर का कमजोर होना इस बीमारी के प्रमुख लक्षण हैं।
ग्लूटेन की एलर्जी मुख्य रूप से आंतों को प्रभावित करती है, इससे पोषक तत्वों को सोखने की उसकी क्षमता घटने लगती है। इस समस्या से बचने के लिए डॉक्टर ग्लूटेन फ्री पौष्टिक खाद्य पदार्थ लेने की सलाह देते हैं। कुछ मामलों में उम्र बढ़ने पर यह समस्या ठीक होने लगती है, लेकिन कई बार गेहूं से बनी चीजें जीवनभर के लिए बंद करनी पड़ती हैं।
पेट फूलना, बच्चे का विकास रुक जाना, एनीमिया, ऑस्टियोपोरोसिस व शरीर का कमजोर होना इस बीमारी के प्रमुख लक्षण हैं।
ग्लूटेन की एलर्जी मुख्य रूप से आंतों को प्रभावित करती है।
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Source – KalpatruExpress News Papper



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