गुरुवार, 5 जून 2014

सिरदर्द में पेन किलर से बचें




म बिना सोचे-समङो सिरदर्द में तुरंत पेनकिलर ले लेते हैं लेकिन इसके प्रभाव खतरनाक हो सकते हैं। दर्द निवारक दवा के इस्तेमाल से सिरदर्द में तात्कालिक लाभ तो मिल जाता है लेकिन इसका शरीर पर विपरीत प्रभाव प़ड़ता है और मूल कारण उसी तरह से बरकरार रहता है।
चिकित्सकों का कहना है कि सिरदर्द के कई कारण हो सकते हैं जिनमें आंखों में विकार सबसे आम है।
रेटिना के आकार में परिवर्तन के चलते आंखों द्वारा देखी जाने वाली चीजें रेटिना पर ठीक तरह से प्रतिबिंबित नहीं हो पातीं जिसके कारण लोगों को पास या दूर की चीजें देखने में परेशानी होती है।
डॉक्टर्स कहते हैं कि चीजों को देखने के लिए आंखों पर अधिक जोर पड़ने के कारण इसका प्रभाव माथे की तंत्रिकाओं पर पड़ता है, जिसके परिणामस्वरूप सिरदर्द की समस्या सामने आती है। आंखों की जांच नेत्र चिकित्सक से कराकर और सही नंबर के चश्मे लेकर इस समस्या से निजात मिल सकती है।
साइनस की समस्या तथा सर्दी के चलते भी सिरदर्द हो सकता है। सिरदर्द में नाक की तंत्रिकाओं में सूजन आ जाती है, जिसके चलते सिरदर्द हो सकता है।
इसके साथ ही उच्च रक्तचाप के कारण भी सिरदर्द की समस्या हो सकती है। इसका भी पता चिकित्सक से जांच कराकर ही चल सकता है तथा इसकी दवा लेकर बीमारी का इलाज हो सकता है।
कुछ लोगों को धूप अथवा शोर से भी सिरदर्द की समस्या हो सकती है। यदि किसी मरीज को धूप अथवा शोर से सिरदर्द की समस्या हो रही है तो उसे पेन किलर से बचने की सलाह दी जाती है। कई बार यह देखने में आता है कि कुछ लोगों को तनाव या चिंता के कारण भी सिरदर्द की समस्या हो जाती है।
 नेत्र चिकित्सक से आंखों की जांच कराकर और सही नंबर के चश्मे लेकर इस समस्या से निजात मिल सकती है।
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Source – KalpatruExpress News Papper

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