गुरुवार, 10 जुलाई 2014

पूल- hindi inspirational story

पूल

पूल- hindi inspirational story 
दो भाई साथ साथ खेती करते थे।मशीनों की भागीदारी और चीजों का व्यवसाय किया करते थे .
चालीस साल के साथ के बाद एक एक छोटी सी ग़लतफहमी की वजह से उनमे पहली बार झगडा हो गया था झगडा दुश्मनी में बदल गया था.
एक सुबह एक बढाई बड़े भाई से काम मांगने  आया.
बड़े भाई ने  कहा हाँ ,मेरे पास तुम्हारे लिए काम हैं. उस खेत की तरफ देखो ,वो मेरा पडोसी हैं.  यूँ तो वो मेरा भाई हैं. पिछले सप्ताह तक हमारे खेतो के बीच घास का मैदान हुआ करता था. पर मेरा भाई बुलडोजर ले आया और अब हमारे खेतो के बीच ये खाई जरुर हैं. जरुर उसने मुझे परेशान करने के लिए ये सब किया होगा. अब मुझे उसे मजा चखना है. तुम खेत के चारो तरफ बाड़ बना दो ताकि मुझे उसकी शक्ल भी ना देखनी पड़े.
ठीक हैं”, बढाई ने कहा.
उसने बढाई को सारा सामान लाकर दे दिया और खुद शहर चला गया. शाम को लौटा तो बढाई का काम देखकर भौचक्का रह गया. बाड़ की जगह वहा एक पूल था  जो खाई को एक तरफ से दूसरी तरफ जोड़ता था.
इससे पहले की बढाई कुछ कहता , उसका छोटा भाई आ गया.
तुम कितने दरियादिल हो , मेरे इतने भला बुरा कहने के बाद भी तुमने हमारे बीच ये पूल बनाया, कहते कहते उसकी आँखे भर आई और दोनों एक दूसरे के गले लग कर रोने लगे. जब दोनों भाई सम्भले तो देखा की बढाई जा रहा था. रुको मेरे पास तुम्हारे लिए और भी कई काम हैं, बड़ा भाई बोला. मुझे रुकना अच्छा लगता ,पर मुझे ऐसे कई पूल और बनाने हैं,बढाई मुस्कुराकर बोला  और अपनी राह को चल दिया.
                                                                  दिल से मुस्कुराने क लिए जीवन में पूल की जरुरत होती हैं खाई की नहीं. छोटी छोटी बातों पर अपनों से न रूठे. 

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Courtesy- Hindisoch.net


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