बुधवार, 23 जुलाई 2014

कॉरपोरेट लॉयर बनकर संवारें करियर



वकालत एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें करियर के अनेक विकल्प हैं। इन्हीं में से एक है कॉरपोरेट 
वल्र्ड में लीगल कंसल्टेंट का करियर। इसमें शोहरत और नाम सब कुछ है। एक समय ऐसा था
जब वकीलों (लॉयर्स) को केवल अदालतों में जिरह करने वाले व्यक्ति के रूप में देखा व जाना 
जाता था, लेकिन हाल के वर्षों में इस क्षेत्र में काफी बदलाव आया है और नई-नई चीजें भी इससे 
जुड़ती जा रही हैं। इन्हीं में से एक है कॉरपोरेट लॉ। वैश्वीकरण व निजीकरण के इस दौर ने भी 
इस क्षेत्र को आगे बढ़ने में मदद की है।
आइए जानते हैं इस क्षेत्र के बारे में और इसमें करियर बनाने के लिए जरूरी कुछ खास बातें:-
कॉरपोरेट लॉयर-
 यह लीगल सर्विसेज का उभरता हुआ क्षेत्र है। कॉरपोरेट लॉयर्स की जरूरत कंपनीज के लीगल 
डिपार्टमेंट में होती है। यहां जूनियर कॉरपोरेट लॉयर के रूप में आपको कॉन्ट्रैक्ट्स की ड्रॉफ्टिंग
फाइल की तैयारी, मेमोरेंडम तैयार करना, सिक्योरिटी डिस्क्लोजर स्टेटमेंट्स तैयार करना होता है। 
इसके अलावा, लेबर इश्यू, कर्मचारियों के अधिकार आदि व इनसे संबंधित अन्य कार्य भी इन्हीं के 
जिम्मे होता है। सरकारी विभागों को भी कई कानूनी मामलों का सामना करना पड़ता है। हल 
करने के लिए कॉरपोरेट लॉयर्स की मांग बढ़ रही है। इनका कार्य कंपनी के संचालन में कानूनी 
 नियमों का पालन सुनिश्चित करना, कंपनी से जुड़े मुकदमों की पैरवी आदि करना होता है।
अगर संक्षेप में कहें, तो इनके कार्य को तीन हिस्सों में बांटा जा सकता है।
पहला, बिजनेस से संबंधित लीगल इश्यू के बारे में सलाह देना। दूसरा, सभी कॉन्ट्रैक्ट्स और 
डॉक्यूमेंट्स की ड्रॉफ्टिंग। तीसरा, लॉ और रेगुलेशन का अनुपालन करना। हालांकि कॉरपोरेट लॉयर्स 
एक से अधिक क्षेत्रों में विशेषज्ञ हो सकते हैं।
रोजगार की संभावनाएं-
 कॉरपोरेट लॉयर्स की डिमांड बिजनेस हाउसेज के अलावा लॉ फर्म्स में भी खूब हैं। इनके लिए 
टीचिंग का विकल्प भी खुला रहता है। इस क्षेत्र से जुड़े प्रोफेशनल्स इंवेस्टमेंट बैंकिंग में भी 
करियर बना सकते हैं। कॉरपोरेट हाउसेज में करियर बना सकते हैं।
क्या है जरूरी योग्यता-
 इस क्षेत्र में प्रवेश के लिए दो विकल्प हैं। पहला, 12वीं के बाद स्टूडेंट्स देश की टॉप लॉ 
यूनिवर्सिटीज से पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड लॉ कोर्स में प्रवेश लें।
कोर्स पूरा होने के बाद बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन करवाकर वकील बन सकते हैं। ग्रेजुएशन 
 करने के लॉ में प्रवेश ले सकते हैं।
कैसी है आमदनी-
 इस क्षेत्र में फ्रेशर्स 3-12 लाख रुपये सालाना सैलरी की उम्मीद कर सकते हैं। अनुभव बढ़ने के 
साथ-साथ इसमें वृद्धि होती रहती है। आप इससे ज्यादा सैलरी भी प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन यह 
आपके एजुकेशनल बैकग्राउंड और कंपनी पर भी निर्भर करता है।
लॉ से संबंधित एग्जाम-
 लॉ इंस्टीट्यूट्स में प्रवेश के लिए एंट्रेंस टेस्ट पास करना पड़ता है। आइए जानते हैं इन टेस्ट के
 बारे में- कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट इस एंट्रेंस टेस्ट को क्लैट के नाम से भी जाना जाता है। यह 
नेशनल लेवल का लॉ एग्जाम है। इसके जरिए देश की टॉप-14 लॉ यूनिवर्सिटीज में प्रवेश लिया 
जा सकता है। कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट में आमतौर पर इंग्लिश, लॉजिकल रीजनिंग, लीगल 
रीजनिंग, मैथमेटिक्स और जनरल नॉलेज से संबंधित सवाल पूछे जाते हैं।
लॉ स्कूल एडमिशन टेस्ट-
 इसे एलसेट के नाम से भी जाना जाता है। जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल, यूपीईएस देहरादून
आईटीएम गुड़गांव आदि जैसे देश के करीब 60 लॉ कॉलेजों में इस एग्जाम के जरिए प्रवेश मिलता 
है। एग्जाम में कॉम्प्रिहेंशन, एनालिटिकल रीजनिंग व लॉजिकल रीजनिंग से संबंधित प्रश्न पूछे 
जाते हैं।
डीयू एलएलबी/एलएलएम-
 दिल्ली यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ लॉ में प्रवेश के लिए अलग से एंट्रेंस एग्जाम आयोजित होता 
है। इसके जरिए एलएलबी व एलएलएम जैसे कोर्स में प्रवेश लिया जा सकता है।
एसईटी सिंबायोसिस-
 इस एंट्रेंस टेस्ट के जरिए सिंबायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के अंतर्गत आने वाले लॉ 
इंस्टीट्यूट के अंडरग्रेजुएट कोर्स में प्रवेश लिया जा सकता है।
यूएलएसएटी-
 यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडी यूएलएसएटी आयोजित करती है। इस टेस्ट में पास 
होने के बाद बैचलर ऑफ लॉ, कॉरपोरेट लॉ, साइबर लॉ में एलएलबी कर सकते हैं।
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Source – KalpatruExpress News Papper









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