सोमवार, 22 सितंबर 2014

Bal Thakrey Profile In Hindi

                                  बाल ठाकरे का जीवन परिचय
bal thakreyहिंदुओं, विशेषकर मराठियों के हित के लिए कार्य कर रही शिव सेना दल के प्रमुख बाल ठाकरे का जन्म 23 जनवरी, 1926 को पुणे, महाराष्ट्र में हुआ था. बाल ठाकरे के समर्थक इन्हें बालासाहेब कहकर संबोधित करते हैं. इनके पिता केशव ठाकरे एक प्रगतिशील समाजसेवी और जातिगत भेदभावों पर कटाक्ष करने वाले लेखक भी थे. उनकी रचनाएं प्रबोधननामक पत्रिका में प्रकाशित होती थीं. उनके लेखों में जन-जागृति की भावना प्रबल रूप से विद्यमान रहती थी, इसीलिए उन्हें प्रबोधंकर कहकर भी बुलाया जाता था. वर्ष 1950 में राजधानी मुंबई के साथ, महाराष्ट्र जैसे मराठी भाषी राज्य का निर्माण करने के लिए चलाए गए अभियान, समयुक्त महाराष्ट्र चल्वाल में भी केशव ठाकरे ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. बाल ठाकरे ने फ्री प्रेस जर्नल, मुंबई में एक कार्टूनिस्ट के रूप में अपने कॅरियर की शुरुआत की. इसके अलावा रविवार को उनके कार्टून टाइम्स ऑफ इंडिया में भी प्रकाशित होते थे. वर्ष 1960 में महाराष्ट्र में गुजराती और दक्षिण भारतीय लोगों की संख्या बढ़ने का विरोध करने के लिए बाल ठाकरे ने अपने भाई के साथ मिलकर साप्ताहिक पत्रिका मार्मिक की शुरुआत की. वर्ष 1966 में बाल ठाकरे ने शिव सेना का गठन किया जिसका मूल उद्देश्य मराठियों के हितों की रक्षा करना उन्हें, नौकरियों और आवास की उचित सुविधा उपलब्ध करवाना था. वर्ष 1989 से शिव सेना और बाल ठाकरे के विचारों को जनता तक पहुंचाने के लिए सामना नामक समाचार पत्र को भी प्रकाशित किया जाने लगा.

बाल ठाकरे का व्यक्तित्व
बाल ठाकरे एक कट्टर मराठी भाषी व्यक्ति हैं. वह अपने समुदाय के हितों की रक्षा को लेकर प्रतिबद्ध और लगातार प्रयासरत हैं. वह एक तेज-तर्रार और आक्रामक स्वभाव के नेता हैं.

बाल ठाकरे का राजनैतिक सफर
एक कार्टूनिस्ट के रूप में अपने जीवन की शुरुआत करने वाले बाल ठाकरे आज एक विख्यात क्षेत्रीय राजनैतिक दल के मुखिया बन गए हैं. शिव-सैनिकों ने महाराष्ट्र के सभी बड़े व्यापार संगठनों पर से कम्यूनिस्ट पार्टी के अधिकार छीनकर, गैर मराठी व्यापारियों से जबरन वसूली करनी शुरू कर दी. हिंदू राष्ट्रवाद फैलाने जैसे समान उद्देश्यों को देखते हुए शिव सेना ने भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन कर लिया. वर्ष 1995 में इस गठबंधन सरकार ने मुंबई विधानसभा चुनावों में विजय प्राप्त कर ली. सरकार के 1995 से लेकर 1999 तक के कार्यकाल के दौरान पर्दे के पीछे रहकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाने और सरकार की नीतियों और निर्णयों को प्रभावित करने की वजह से बाल ठाकरे को रिमोट कंट्रोल भी कहा जाने लगा. चुनाव आयोग की सिफारिशों के बाद बाल ठाकरे के ऊपर 11 दिसंबर, 1999 से 10 दिसंबर, 2005 तक के लिए मतदान करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया. वर्ष 2006 में प्रतिबंध से मुक्त होने के बाद उन्होंने बीएमसी चुनावों में मतदान किया.

बाल ठाकरे से जुड़े विवाद
  • बाल ठाकरे ने बाहर से आकर मुंबई बसने वाले लोगों पर कटाक्ष करते हुए महाराष्ट्र को सिर्फ मराठियों का कहकर संबोधित किया. खासतौर पर दक्षिण भारतीय लोगों के विरोध में उन्होंने कई भद्दे नारे भी दिए.
  • महाराष्ट्र को एक हिंदू राज्य बताते हुए और मुसलमानों के खिलाफ टिप्पणी करते हुए बाल ठाकरे ने मुंबई आने वाले मुसलमानों विशेषकर बांग्लादेश से आने वाले मुस्लिम शरणार्थियों को वहां से चले जाने को कहा. इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर शिव-सैनिकों ने बाबरी मस्जिद के विध्वंस को भी अंजाम दिया.
  • शिवसेना का मुखपत्र माने जाने वाले सामना समाचार पत्र में बिहार और उत्तर प्रदेश से मुंबई पलायन करने वाले लोगों को मराठियों के लिए खतरा बता, बाल ठाकरे ने महाराष्ट्र के लोगों को उनके साथ सहयोग ना करने की सलाह दी. साथ ही इन दो राज्यों से मुंबई बसने वाले नेताओं और अभिनेताओं की भी शिवसेना द्वारा अवमानना की गई. इस बयान के विरुद्ध बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री के पास लिखित शिकायत भेजी. उत्तर भारत में पार्टी के मुखिया जय भगवान गोयल ने शिवसेना को खालिस्तान और जम्मू कश्मीर में मौजूद आतंकवादी गुट बताकर इस दल से अपनी सदस्यता त्याग दी.
  • मोहम्मद अफज़ल की फांसी की सजा पर कोई फैसला ना सुनाने के लिए बाल ठाकरे ने तत्कालीन राष्ट्रपति ए.पी.जे. अबुल कलाम पर भी अभद्र टिप्पणियां की.
  • वर्ष 2007 में एक समाचार पत्र को दिए अपने साक्षात्कार के दौरान हिटलर की प्रशंसा करने पर भी बाल ठाकरे को जनता की आलोचना का सामना करना पड़ा.
  • लिट्टे का समर्थन और उसकी प्रशंसा करने पर भी बाल ठाकरे को कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा.
  • वैलेंटाइन डे को हिंदू धर्म और संस्कृति के लिए खतरा बता, दुकानों और होटलों में तोड़-फोड करने के अलावा प्रेमी युगलों पर हमला, उनके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग करने के लिए जनता में बाल ठाकरे के खिलाफ रोष उत्पन्न हो गया.
  • 2011 में हुए वर्ल्ड कप फाइनल के लिए भारत-पाकिस्तान के बीच हुए क्वालिफाइंग मुकाबले पर शिवसेना ने यह टिप्पणी की कि यदि पाकिस्तान यह मैच जीत गया तो शिवसेना निर्णय करेगी कि वह फाइनल में खेलेगा या नहीं.
बाल ठाकरे एक हिंदूवादी और मराठी नेता के रूप में प्रचारित कर महाराष्ट्र के लोगों के हितैषी के रूप में अपने को सामने रखते हैं. इसके अलावा वह यह भी दावा करते हैं कि उनके द्वारा उठाया जाने वाला हर कदम मराठी मानुष के हितों और उनके भले के लिए ही उठता है. निष्ठावान हिंदू बताते हुए बाल ठाकरे मराठी लोगों के अस्तित्व और उनके धर्म को बचाने के लिए प्रतिबद्ध व्यक्ति के रूप में भी अपनी पहचान बना चुके हैं.

Courtesy - http://politics.jagranjunction.com/

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