गुरुवार, 25 सितंबर 2014

Chiranjeevi – प्रजा राज्यम पार्टी के संस्थापक चिरंजीवी


चिरंजीवी का जीवन-परिचय
तेलुगु फिल्मों के सुपरस्टार चिरंजीवी प्रजा राज्यम पार्टी जैसे क्षेत्रीय राजनैतिक दल के संस्थापक भी हैं. पद्म भूषण विजेता चिरंजीवी का वास्तविक नाम कोनिडला सिवा संकरा वरा प्रसाद है. इनका जन्म 22 अगस्त, 1955 को आन्ध्र-प्रदेश के पश्चिमी गोदावरी जिले में हुआ था. बचपन से ही चिरंजीवी अभिनय में रुचि रखते थे. ओगोले (आंध्र-प्रदेश) स्थित सीएसआर शर्मा कॉलेज से बारहवीं की परीक्षा पास करने के बाद चिरंजीवी ने कॉमर्स विषय के साथ स्नातक उपाधि ग्रहण की. पढ़ाई पूरी करने के बाद चिरंजीवी चेन्नई आ गए और यहां आकर उन्होंने अभिनय सीखने के लिए मद्रास फिल्म इंस्टिट्यूटमें दाखिला ले लिया. वर्ष 1980 में चिरंजीवी ने दक्षिण भारतीय फिल्मों के मशहूर हास्य कलाकार अल्लू राम लिंगइया की बेटी सुरेखा से विवाह संपन्न किया. चिरंजीवी की दो बेटियां (सुष्मिता और स्रीजा) और एक बेटा रामचरण तेजा (तेलुगु फिल्म अभिनेता) हैं.

चिरंजीवी का फिल्मी कॅरियर
अभिनय का प्रशिक्षण ग्रहण करने के बाद चिरंजीवी ने पुनाधिरल्लू फिल्म के साथ अपने कॅरियर की शुरूआत की. हालांकि प्रणाम खरीदू फिल्म पहले प्रदर्शित हुई. प्रख्यात निर्देशक बापू की फिल्म मना पूरी पंडावुलू ने चिरंजीवी को पहचान दिलवाई. आई लव यू और ईदी कत्था कादू फिल्म में छोटी पर मुख्य भूमिकाएं निभाने के बाद चिरंजीवी की अभिनय क्षमता को और अधिक बढ़ावा मिला. वर्ष 1979 में चिरंजीवी की आठ और 1980 में चौदह बड़ी फिल्में प्रदर्शित हुईं. इसके बाद चिरंजीवी ने मोसागडू, रानी कसुला रंगम्मा जैसी फिल्मों में नकारात्मक भूमिकाएं निभाकर खूब लोकप्रियता बटोरी. 1980 का दशक चिरंजीवी के कॅरियर के लिए बहुत महत्वपूर्ण और सफल साबित हुआ. नब्बे के दशक में भी चिरंजीवी ने कई सफल फिल्मों में अभिनय किया. वर्ष 1997 में उन्होंने हिटलर फिल्म में अपने बेजोड़ अभिनय के बल पर आलोचकों से भी खूब प्रशंसा बटोरी. 2002 में प्रदर्शित हुई फिल्म इन्द्रा ने सफलता के सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ डाले. राजनीति में आने से पहले चिरंजीवी की आखिरी फिल्म शंकर दादा जिंदाबाद है.

चिरंजीवी का राजनैतिक सफर
वर्ष 2008 में चिरंजीवी ने आन्ध्र-प्रदेश में सभी वर्गों के लोगों को सामाजिक न्याय दिलवाने के उद्देश्य से प्रजा राज्यम पार्टी नामक क्षेत्रीय राजनीतिक दल की स्थापना की. वर्ष 2009 में हुए विधानसभा चुनावों में चिरंजीवी की पार्टी को अठारह सीटों पर विजय प्राप्त हुई. चिरंजीवी भीतिरुपति से विधानसभा सदस्य बने. हाल ही में तेलांगना की मांग को लेकर हुए आंदोलन का चिरंजीवी की पार्टी ने भरपूर विरोध किया है. उनका समर्थन पूर्णत: अखण्ड आंध्र-प्रदेश के साथ है. उनके इस कदम का कड़ा विरोध भी हुआ. इतना ही नहीं तेलंगाना एडवोकेट जेएसी के 2 सदस्यों ने तो चिरंजीवी और उनके साथियों के ऊपर तेलंगाना को समर्थन ना देने की वजह से अदालत में मुकद्दमा भी दायर किया. वर्ष 2011 में चिरंजीवी ने अपनी पार्टी को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ गठबंधित कर लिया.

अक्टूबर 1998 में चिरंजीवी ने चिरंजीवी चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना की थी. इस ट्रस्ट के अंदर चिरंजीवी ब्लड एण्ड आई बैंक भी सम्मिलित किया गया. इस ब्लड बैंक के ऊपर भी कई तरह के आरोप लगाए गए जिसका उच्च स्तरीय समिति ने निरीक्षण भी किया. लेकिन आरोप साबित नहीं हो पाए. चिरंजीवी को सात बार दक्षिण भारतीय फिल्मफेयर अवॉर्ड और चार बार नंदी अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है. अपनी पहली हिंदी फिल्म प्रतिबंध के लिए भी चिरंजीवी को फिल्मफेयर अवॉर्ड के लिए नामित किया जा चुका है.

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