शनिवार, 4 अक्तूबर 2014

Mulayam Singh Yadav Profile In Hindi

Mulayam Singh Yadav – उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव

mulayam singh yadavमुलायम सिंह यादव का जीवन परिचय
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवंबर, 1939 को इटावा, उत्तर प्रदेश में हुआ था. इन्होंने के.के. कॉलेज, इटावा से स्नातक और भीमराव अंबेडकर कॉलेज, आगरा यूनिवर्सिटी से स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की. अपनी पहली पत्नी मालती देवी के निधन के पश्चात मुलायम सिंह यादव ने साधना गुप्ता से दूसरा विवाह किया. इनके दो बेटे प्रतीक यादव और अखिलेश यादव हैं.

मुलायम सिंह यादव का राजनैतिक सफर
वर्ष 1977 में पहली बार मुलायम सिंह यादव राज्य मंत्री बनाए गए. 1980 में वह उत्तर-प्रदेश में लोक दल के अध्यक्ष भी रहे. कुछ समय बाद लोक दल, जनता दल का एक घटक बन गया. 1982 में मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता विपक्ष चयनित हुए. भारतीय जनता पार्टी के समर्थन के साथ मुलायम सिंह यादव 1989 में पहली बार उत्तर-प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. लेकिन बीजेपी की रामजन्मभूमि यात्रा के दौरान मुलायम सिंह और भारतीय जनता पार्टी के संबंधों में खटास पैदा हो गई जब मुलायम सिंह यादव ने इस यात्रा को सांप्रदायिक करार देते हुए इसे अयोध्या ना पहुंचने देने की बात कही. 1990 में वी.पी. सिंह सरकार के गिरते ही मुलायम सिंह यादव, चंद्रशेखर के साथ जनता दल में शामिल हो गए. कांग्रेस के समर्थन के कारण वह मुख्यमंत्री पद पर काबिज रहे. 1991 में जब कांग्रेस ने उत्तर-प्रदेश में मुलायम सिंह की नेतृत्व वाली सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया तब उन्हें अपना पद भी छोड़ना पड़ा. वर्ष 1992 में मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी की स्थापना की. 1993 में होने वाले चुनावों में इस दल का गठबंधन बीएसपी से किया गया. यद्यपि इस गठबंधन को भी पूर्ण बहुमत प्राप्त नहीं हुआ था, लेकिन जनता दल और कांग्रेस के समर्थन के साथ वह दोबारा मुख्यमंत्री पद पर काबिज हुए. इस दौरान उत्तराखंड के निर्माण को लेकर भी उन्हें कई विवादों का सामना करना पड़ा. 1996 में वह मैनपुरी निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा सदस्य बने. उन्हें केन्द्रीय रक्षा मंत्री बनाया गया. 1998 में उनकी सरकार गिर गई लेकिन 1999 में संभल निर्वाचन क्षेत्र से जीत दर्ज करने के साथ ही वह एक बार फिर लोकसभा पहुंचे. वर्ष 2002 में बीएसपी के साथ गठबंधन कर सरकार का निर्माण किया. 2003 में बीजेपी इस गठबंधन सरकार से अलग हो गई और सभी निर्दलीय और बीएसपी के बागी विधायकों के समर्थन से मुलायम सिंह यादव तीसरी बार मुख्यमंत्री बने.

मजदूरों, विद्यार्थियों और किसानों के हितों के लिए आवाज उठाते हुए मुलायम सिंह यादव ने नौ बार जेल यात्राएं भी की हैं. मुलायम सिंह यादव और उनके परिवार के ऊपर आय से अधिक संपत्ति रखने का भी आरोप है. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सीबीआई को मुलायम सिंह, उनके बेटे और पुत्रवधू की चल-अचल संपत्ति की जांच का जिम्मा सौंपा गया जिसके विरोध में उनके बेटे अखिलेश यादव ने भी सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया था.

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