शनिवार, 4 अक्तूबर 2014

Prem Kumar Dhumal Profile In Hindi

Prem Kumar Dhumal – हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धुमल

प्रेम कुमार धुमल का जीवन परिचय
prem kumar dhumalभारतीय जीवन बीमा निगम में सहायक के तौर पर अपने कॅरियर की शुरुआत करने वाले हिमाचल प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धुमल का जन्म 10 अप्रैल, 1944 को हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले में हुआ था. प्रेम कुमार धुमल पंजाब यूनिवर्सिटी से संबद्ध दोआबा कॉलेज (जालंधर) से स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के तुरंत बाद ही एलआईसी से जुड़ गए थे. भारतीय जीवन बीमा निगम में काम करने के साथ-साथ प्रेम कुमार धुमल ने अंग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर और कानून की डिग्री भी प्राप्त कर ली. इसके बाद उन्होंने पंजाबी यूनिवर्सिटी इवनिंग कॉलेज और दोआबा कॉलेज, जालंधर में अध्यापन कार्य करना शुरू कर दिया. इनके परिवार में पत्नी शीला धुमल और दो पुत्र हैं. इनके दोनों पुत्र भी राजनीति से ही जुड़े हुए हैं. प्रेम कुमार धुमल जमीन से जुड़े हुए नेता हैं. वह अपने नागरिकों के कल्याण के लिए हमेशा प्रयासरत रहते हैं.

प्रेम कुमार धुमल का राजनैतिक सफर
कॉलेज में अध्यापन करने के दौरान प्रेम कुमार धुमल राजनीति से जुड़ गए थे, कई वर्षों तक वह वह शिक्षक संघों के कार्यालयों में अधिकारी पद पर आसीन रहे. प्रेम कुमार धुमल ने सक्रिय राजनैतिक जीवन की शुरुआत सबसे निचले पायदान से की थी. शुरुआती दिनों में वह पार्टी में अदने से कार्यकर्ता ही थे. इसके बाद वह भारतीय जनता युवा मोर्चा में बड़े पद पर भी रहे. प्रेम कुमार धुमल हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीतने के बाद नौवीं और दसवीं लोकसभा के सदस्य रहे. वर्ष 1993 में वह भारतीय जनता पार्टी के राज्य अध्यक्ष बनाए गए. वर्ष 1998 में जब प्रेम कुमार धुमल ने पहली बार विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज की तब वह प्रदेश के मुख्यमंत्री बनाए गए. वर्ष 2007 के उपचुनावों में जीतने से पहले प्रेम कुमार धुमल हिमाचल प्रदेश विधानसभा में नेता विपक्ष के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे थे. मुख्यमंत्री के रूप में यह उनका दूसरा कार्यकाल है.

प्रेम कुमार धुमल की उपलब्धियां और योगदान
प्रेम कुमार धुमल ने पूरे राज्य की सर्वआयामी उन्नति को अपना उद्देश्य माना है. उनके प्रयासों के द्वारा हिमाचल प्रदेश का चेहरा पूरी तरह परिमार्जित हो गया है. उन्होंने राज्य में ऊर्जा विकास के लिए 600 मेगावाट प्रोजेक्ट की शुरुआत की, जो पिछले पचास वर्षों से 298 मेगावाट पर ही सीमित था. हिमाचल प्रदेश के प्रत्येक जिले और गांव को सड़क परिवहन से जोड़ने के कारण स्थानीय नागरिक प्रेम कुमार धुमल को सड़क वाला मुख्यमंत्री भी कहा करते हैं. शिक्षा पद्वति में सुधार लाने के लिए भी धुमल ने कई प्रयास किए. इनमें से सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है राज्य के प्रत्येक प्राथमिक विद्यालय में तीन पक्के कमरों का निर्माण. इन सबके अलावा पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को बिना किसी भेद-भाव के छात्रवृत्ति प्रदान करने की पहल भी प्रेम कुमार धुमल ने ही की थी. अपने प्रशंसनीय प्रयासों को प्रभावी रूप में लागू करने के लिए प्रेम कुमार धुमल को 2 बारगोल्डन पीकॉक अवार्ड भी प्रदान किया गया.

प्रेम कुमार धुमल ने क्षेत्र के विकास और पर्यावरण को बचाने के लिए बहुत अधिक कार्य किए हैं. इन्हीं के प्रयासों का परिणाम है कि हिमाचल प्रदेश भारत का पहला कार्बन तटस्थ राज्य है. बच्चों की पढ़ाई को महत्व देते हुए, प्रेम कुमार धुमल ने किसी भी स्कूल में सरकारी आयोजन करने पर रोक लगा दी है. हिमाचल की खूबसूरती बनाए रखने और पर्यावरण को स्थिर रखने के लिए प्रेम कुमार धुमल ने सभी स्थानीय नागरिकों के लिए यह संदेश निर्धारित किया “हर हिमाचली पर्यावरण का प्रहरी प्रखरपर्यावरण संरक्षण में विकास की डगर.

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